Index Search for 'द' alphabet |
Shloka: | द्रुपदो द्रौपदेयाश्च सर्वशः पृथिवीपते। सौभद्रश्च महाबाहुः शङ्खान्दध्मुः पृथक्पृथक्॥ |
Bhagavad Gita Reference: | 1.18 |
Mahabharata Reference: | 6023018 |
Hindi Trnaslation: | राजा द्रुपद और द्रौपदी के पाँचों पुत्र तथा लम्बी-लम्बी भुजाओं वाले सुभद्रापुत्र अभिमन्यु - इन सभी योद्धाओं ने सब ओर से अपने-अपने भिन्न-भिन्न शंख बजाये ॥१८॥ |
Sandhi-split Shloka: | द्रुपदः द्रौपदेयाः च सर्वशः पृथिवी-पते सौभद्रः च महा-बाहुः शङ्खान् दध्मुः पृथक् पृथक् |
Anvayakrama: | द्रुपदः द्रौपदेयाः च, महा-बाहुः सौभद्रः च, हे पृथिवी-पते! पृथक् पृथक् सर्वशः शङ्खान् दध्मुः॥ |
Bhagavad Gita Tagged Shloka: | द्रुपदः/NS द्रौपदेयाः/NP च/APY सर्वशः/SNV पृथिवीपते/NP सौभद्रः/NP च/APY महाबाहुः/NV शङ्खान्/NP दध्मुः/KP पृथक्/NV पृथक्/DV ॥/PUNC 1.18/PUNC ॥/PUNC Tagging scheme used |